निसंदेह देश मे हिंदू ज्यादा मारे जा रहे हैं ज्यादा क्रूरता से मारे जा रहे हैं, उनका मुद्दा उठना चाहिये. पर वो मारे जाने वाले हिंदू जो सबसे ज्यादा मारे जा रहे हैं वो दलित हैं. और मारने वाले मुसलमान नही हैं देश का सबसे बडा सामाजिक अपराधी वर्ग हैं. उठाइये मुद्दा सबका.
या सिर्फ मुस्लिम से बहुजन लडाने के लिये बस उतने ही केस देखेंगे ताकि दलितो को मारने पर आपका एकाधिकार बना रहे? और साथ मे इनके लडने से सत्ता पर आपका एकाधिकार बना रहे?
आप हिंदुओ को मारने के खिलाफ लड रहे हैं या हिंदुओ को मारने पर सवर्णो के एकाधिकार के लिये? 2-4% परसेंट भी किसी और के हाथ बरदाश्त नही है आपको?
जो भी हैं सबका मुद्दा उठाइये. क्रिमिनल का धर्म देखकर मुद्दे उठायेंगे तो संदेह बढेगा कि आपको हत्याये रोकना है या हत्याओ पर एकाधिकार चाहिये
देश की पुलिस व्यवस्था को इतना मजबूत कीजिये, उसमे जाति धर्म से निर्पेक्ष लोगो की ही भरती हो ताकि मर्डर/क्राइम रुके, हर मर्डर मे विक्टिम को न्याय हो, बिना पुलिस की जाति/धर्म का एडवांटेज क्रिमिनल को मिले
पुलिस कमजोर रखकर एक निजी गिरोह को मजबूत करने का तर्क संदेह पैदा करता है कि आप हत्याये रोकना नही हत्याओ पर एकाधिकार चाहते हैं
#हर साल लाखो दलितो का पलायन
#हर साल 50 हजार से ज्यादा दलित हत्याये/उत्पीडन केसेज
facebook pe चंद्र भानु यादव की कलम से